Wednesday, February 9, 2011

नयी रुत

ज़िन्दगी के कोरे कागज़ पर,
आज नया फरमान लिखा।
खोयी खोयी रातो में जब,
सुबह को हमने शाम लिखा।
जाने क्यों हम रो बैठे हैं जब,
उनके न आने का पैगाम मिला।
लहर उठी एक मन में फिर से,
और तुम्हारा नाम लिखा।
ज़िन्दगी के कोरे कागज़ पर,
आज नया फरमान लिखा .........

1 comment:

  1. लहर उठी एक मन में फिर से,
    और तुम्हारा नाम लिखा।
    ज़िन्दगी के कोरे कागज़ पर,
    आज नया फरमान लिखा ....

    touching lines ...

    .

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