Friday, February 4, 2011

चाँद की कटोरी लेकर के जब

चाँद की कटोरी लेकर के जब
रात हमारे घर आएगा
खुल के बिखरना बिखरके सजना
पास तुम्हे मेरे पाएगा
रूप तुम्हारा देखेगा जब
शरमाकर के छुप जायेगा
सूरज से किरने लाएगा
सारी किरणों को ऊपर से
हम दोनों पर बिखराएगा
चाँद कटोरी लेकरके जब
रात हमारे घर आएगा ।

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